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3 सरल कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय जो वास्तव में काम करते हैं – हृदय रोग विशेषज्ञ की सलाह

कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय जो वास्तव में काम करते हैं

आज के समय में बढ़ता हुआ कोलेस्ट्रॉल एक आम समस्या बन गई है। हमारे पूर्वजों ने कम सुविधाओ के होते हुए भी आज के मुक़ाबले अच्छे स्वास्थ्य के साथ एक बेहतर जीवन बिताया था। उनका सिद्धांत भी साफ था – “पहला सुख निरोगी काया”, लेकिन आधुनिक जीवनशैली में हम इस सत्य से दूर होते जा रहे हैं। अब लोग कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय की ओर देख रहे है ताकि उनका स्वास्थ अच्छा रहे।

जब मरीज़ उच्च कोलेस्ट्रॉल की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं, तो अक्सर वे इसे आनुवंशिक मानते हैं। इसका मतलब है माता-पिता से विरासत में मिला हुआ। लेकिन प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेश सिंह का कहना है कि अधिकतर मामलों में कोलेस्ट्रॉल हमारी जीवनशैली का परिणाम होता है, न कि Genes का।

कोलेस्ट्रॉल क्या है और यह क्यों बढ़ता है?

इस चर्चा में आगे बढ़ने से पहले देखते है कि आखिर यह कोलेस्ट्रॉल होता क्या हैं। हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा पदार्थ है जो कोशिकाओं के निर्माण और हार्मोन बनाने के लिए आवश्यक है। आयुर्वेद में इसे ‘मेद धातु’ का एक रूप माना जा सकता है। लेकिन जब यह संतुलन से बाहर हो जाता है, तो यह हृदय रोगों का कारण बनता है। शरीर एवम जीवम में किसी भी चीज का असंतुलन हमेशा हानिकारक ही होता है।

 भारतीय संस्कृति में संयम का महत्व

हमारे धर्मग्रंथों और संस्कृति में हमेशा संयम और संतुलित जीवन पर ज़ोर दिया गया है। अलग-अलग माध्यमो से यह समझाने का प्रयास किया गया है कि संयम जीवन में सुख और समृद्धि लाता है।

भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं
“युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु। युक्तस्वप्नावबोधस्य योगो भवति दुःखहा।।”

अर्थात् – संतुलित आहार, संतुलित विहार, और संतुलित निद्रा ही सभी दुखों को दूर करती है क्योंकि यह शरीर अपने आप मे एक मशीन है जिसे जितनी अच्छे से रखा जाए उतना हम खराब चीजो को इसमे लगने की संभावना को कम कर सकते है।

 डॉक्टर द्वारा सुझाए गए 3 प्रमाणित कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय

1. वजन घटाना – स्वस्थ जीवन की नींव

यह जानना जरूरी है कि वजन कम करने से कोलेस्ट्रॉल पर क्या प्रभाव पड़ता है? तो चलिए देखते है।

वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि 10 किलोग्राम वजन कम करने से LDL (खराब) कोलेस्ट्रॉल में लगभग 7-9 mg/dL की कमी आती है। शरीर के वजन का पहला 5-10 प्रतिशत घटाने से ट्राइग्लिसराइड्स और कुल कोलेस्ट्रॉल में सबसे अधिक सुधार देखा जाता है। वजन घटाने से शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं। जैसे जब आप वजन कम करते हैं, तो आपका शरीर वसा और शर्करा (Fat & Sugars) को बेहतर तरीके से संसाधित करना शुरू कर देता है। इंसुलिन (Insulin) संवेदनशीलता बढ़ती है, जो मधुमेह (Diabetes) को नियंत्रित करने में भी मदद करती है। यह बदलाव अन्य उपचारों – स्वच्छ आहार, उचित व्यायाम, या दवाओं – को अधिक प्रभावी बनाता है।

भारतीय आहार में संतुलन।

हमारी संस्कृति में “मिताहार” का विशेष महत्व है। मिताहार दो शब्दों “मित” और “आहार” से बना हुआ है। जहाँ मित का अर्थ है मध्यम और आहार का अर्थ भोजन है। इस तरह मिताहार का पूर्ण अर्थ है मध्यम भोजन या संयमित भोजन ग्रहण करना।

आयुर्वेद के अनुसार, भोजन करते समय पेट का आधा हिस्सा ठोस भोजन से, एक चौथाई तरल पदार्थों से, और एक चौथाई हिस्सा खाली रखना चाहिए। यह प्राचीन ज्ञान आधुनिक विज्ञान से मेल खाता है। यह एक नुस्खा बड़ा कारगर और उपयोगी है जो न सिर्फ़ सेहत को मजबूत रखता है बल्कि भोजन के पश्चात आपको भारीपन मेहसूस नही होने देता।

वजन कम करने के व्यावहारिक उपाय:

– सुबह का नाश्ता अवश्य करें – दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है।
– रात का भोजन हल्का रखें – सूर्यास्त के बाद का भोजन हल्का और सुपाच्य होना चाहिए।
– पानी का सेवन बढ़ाएं – दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं
– देसी अनाज शामिल करें – बाजरा, ज्वार, रागी जैसे पारंपरिक अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं।
– घी का संतुलित उपयोग – शुद्ध देसी घी एक चम्मच प्रतिदिन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

2. शराब और धूम्रपान से पूर्ण परहेज – आधा-अधूरा नहीं

किसी चीज को “कम करना” और “छोड़ना” दोनों में बड़ा अंतर है। आदत से मजबूर हम अक्सर स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह चीजों का भी सेवन करते रहते है। हम ख़ुदको यह दिलासा देते रहते है कि हम इन ख़राब चीजो को कम कर देंगे क्योंकि मन मे इतनी क्षमता नही कि उन ख़राब चीज़ो को एक बार मे बंद कर दे जिनकी हमे लत लगी हुई है।

डॉ. सिंह बहुत स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि शराब और धूम्रपान को पूरी तरह छोड़ें, केवल “कम” न करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हाल की रिपोर्टों और वैश्विक हृदय संगठनों के शोध पत्र इस बात पर ज़ोर देते हैं कि शराब की कोई “सुरक्षित” मात्रा नहीं है। कुछ भ्रमित करने वाले लोग अपने निजी फ़ायदे के चलते ऐसे प्रचार करते है कि शराब की थोड़ी मात्रा लाभदायक है मगर ऐसा बिल्कुल नही है।

शराब का हृदय पर प्रभाव

शराब का सेवन रक्तचाप बढ़ा सकता है, हृदय की लय में समस्याएं पैदा कर सकता है जैसे कि एट्रियल फाइब्रिलेशन, और हृदय की मांसपेशियों की बीमारी को बदतर बना सकता है। पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक संदेश “मध्यम मात्रा ठीक है” से “कम बेहतर है” की ओर बदल गया है।

धूम्रपान – कोलेस्ट्रॉल से परे का नुकसान

जब डॉ. सिंह कहते हैं कि धूम्रपान कोलेस्ट्रॉल पर प्रभाव से कहीं अधिक घातक है, तो वे एक ऐसी श्रृंखला का वर्णन कर रहे हैं जो चिकित्सक हर दिन देखते हैं।

धूम्रपान के व्यापक नुकसान:

– सुरक्षात्मक HDL (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है।
– कोलेस्ट्रॉल परिवहन में शामिल एंजाइमों और लिपोप्रोटीन कणों को बदल देता है।
– HDL को अकार्यात्मक बना देता है।
– रक्त वाहिकाओं की परत को नुकसान पहुंचाकर एथेरोस्क्लेरोसिस को तेज करता है।
– रक्त का थक्का जमने को बढ़ावा देता है

सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियां धूम्रपान को समय से पहले हृदय रोग से मृत्यु के प्रमुख कारणों में रखती हैं। अच्छी खबर यह है कि धूम्रपान छोड़ने से HDL में अपेक्षाकृत जल्दी सुधार होता है।

भारतीय संस्कृति में नशामुक्ति का महत्व।

हमारे धर्म और संस्कृति में शरीर को “देवालय” माना गया है। भगवान की यह देन शुद्ध और पवित्र रहनी चाहिए। नशा मुक्ति केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए भी आवश्यक है।

संत कबीर दास जी ने कहा है –
“काया साधे सब सधै, जब काया सधै नाहिं। सब सिद्धि सेवै पीछे, कहै संत कबीर साहिं।”

अर्थ – अगर आप अपने शरीर का अच्छे से ख़्याल रखते है, उसे स्वस्थ रखते है तो आप सब कुछ कर सकते है। लेकिन अगर आपका शरीर स्वस्थ नही है तो किसी भी तरह की सफलता कुछ मायने नही रखती। सबकुछ ख़राब स्वास्थ के कारण पीछे रह जाता है।

3. व्यायाम और शारीरिक गतिविधि – जीवन में गति लाएं

व्यायाम से कोलेस्ट्रॉल में कैसे बदलाव आता है?

वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि एरोबिक व्यायाम से LDL में मामूली कमी और HDL में वृद्धि होती है। जब एरोबिक और प्रतिरोध प्रशिक्षण Resistance Training को मिलाया जाता है, तो ट्राइग्लिसराइड्स और HDL में अधिक सुधार होता है।

व्यायाम के व्यापक लाभ

व्यायाम का असली फायदा केवल कोलेस्ट्रॉल के आंकड़ों में सुधार नहीं है। यह शारीरिक गतिविधि:
– रक्तचाप कम करती है
– रक्त वाहिकाओं के कार्य में सुधार करती है
– सूजन और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करती है
– समग्र हृदय रोग के जोखिम को कम करती है

ये लाभ प्रयोगशाला रिपोर्ट में नहीं दिखते, लेकिन ये आपके जीवन की गुणवत्ता और अवधि को बढ़ाते हैं।

योग – भारत की अमूल्य धरोहर

हमारी सांस्कृतिक विरासत में योग एक अद्भुत उपहार है। योग न केवल शारीरिक व्यायाम है, बल्कि मन, शरीर और आत्मा का संतुलन है।

हृदय स्वास्थ्य के लिए प्रभावी योगासन:

  1. सूर्य नमस्कार
    संपूर्ण शरीर के लिए एक पूर्ण व्यायाम है। प्रतिदिन 12 चक्र करने से हृदय को मजबूती मिलती है और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है। खबरों की माने तो प्रधानमंत्री मोदी भी हर रोज सूर्य नमस्कार करते है।
  2. भुजंगासन (कोबरा पोज़)
    पाचन तंत्र को मजबूत करता है और मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है, जो वजन घटाने में सहायक है।
  3. पश्चिमोत्तानासन
    पेट की चर्बी कम करने और पाचन सुधारने में मददगार है।
  4. अनुलोम-विलोम प्राणायाम
    रक्त संचार को बेहतर बनाता है और तनाव कम करता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है।
  5. ध्यान (मेडिटेशन)
    मानसिक तनाव हृदय रोगों का एक बड़ा कारण है। नियमित ध्यान से तनाव कम होता है और हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।

सक्रिय जीवनशैली के सरल उपाय।

– सुबह की सैर – सूर्योदय के समय टहलना स्वास्थ्य और मन दोनों के लिए लाभदायक है
– सीढ़ियों का उपयोग करें – लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करें
– घर के काम में सक्रियता – घर के काम भी अच्छा व्यायाम हैं
– पैदल या साइकिल से यात्रा – छोटी दूरी के लिए पैदल चलें या साइकिल का उपयोग करें
– पारंपरिक खेल – कबड्डी, खो-खो जैसे देसी खेल खेलें

आहार में सुधार – आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान का संगम

कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले भारतीय खाद्य पदार्थ

1. लहसुन
आयुर्वेद में लहसुन को “रसोन” कहा जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल कम करने में बेहद प्रभावी है। खाली पेट लहसुन की दो कलियां चबाने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित होता है।
2. मेथी दाना
मेथी में घुलनशील फाइबर होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। रात को भिगोई हुई मेथी सुबह खाली पेट लेने से लाभ होता है।
3. आंवला
विटामिन C का भंडार आंवला कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। प्रतिदिन एक आंवला या आंवला जूस का सेवन फायदेमंद है।
4. अर्जुन की छाल
आयुर्वेद में अर्जुन की छाल हृदय रोगों के लिए रामबाण मानी जाती है। यह कोलेस्ट्रॉल कम करने और हृदय को मजबूत बनाने में मदद करती है।
5. हल्दी
हमारे घरों में पाई जाने वाली हल्दी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक है। दूध में हल्दी मिलाकर पीने से लाभ होता है।

परहेज करने योग्य खाद्य पदार्थ

– ट्रांस फैट – पैकेज्ड स्नैक्स, फास्ट फूड से बचें
– अधिक तेल में तली चीजें – समोसे, पूरी, पकौड़े आदि कम मात्रा में लें
– रिफाइंड आटा – मैदा से बने उत्पादों से परहेज करें
– अधिक मीठा- चीनी और मिठाइयों का सेवन सीमित करें

तनाव प्रबंधन – मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

आधुनिक जीवन में तनाव एक बड़ी समस्या है। तनाव हार्मोन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित करते हैं। हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम बाहरी गतिविधियों के नियंत्रण के साथ भीतरी मन की स्थिति को भी अच्छा रखे। यह तभी संभव है जब आप तनावमुक्त रहेंगे।

भगवद्गीता में कहा गया है – “योगस्थः कुरु कर्माणि” अर्थात् योग में स्थित होकर कर्म करो।

तनाव कम करने के उपाय

– प्रातःकालीन ध्यान – दिन की शुरुआत 15-20 मिनट के ध्यान से करें
– सत्संग – धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लें
– प्रकृति के साथ समय – हरियाली में समय बिताएं
– परिवार के साथ गुणवत्तापूर्ण समय – अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना तनाव कम करता है
– कृतज्ञता का अभ्यास – प्रतिदिन अपने जीवन की अच्छी बातों के लिए आभार व्यक्त करें

नियमित जांच और निगरानी

कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच आवश्यक है। 30 वर्ष की आयु के बाद हर 2-3 साल में और यदि परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, तो हर साल कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाएं। कोलेस्ट्रॉल के स्वस्थ स्तर

– कुल कोलेस्ट्रॉल: 200 mg/dL से कम
– LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल): 100 mg/dL से कम
– HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल): पुरुषों में 40 mg/dL से अधिक, महिलाओं में 50 mg/dL से अधिक
– ट्राइग्लिसराइड्स: 150 mg/dL से कम

डॉक्टर की सलाह कब लें?

यद्यपि जीवनशैली में बदलाव बेहद प्रभावी हैं, कभी-कभी दवाओं की आवश्यकता होती है। यदि:
– परिवार में हृदय रोग का मजबूत इतिहास है
– कोलेस्ट्रॉल बहुत अधिक है (300 mg/dL से अधिक)
– पहले से मधुमेह या हृदय रोग है
– जीवनशैली में बदलाव के बाद भी कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित नहीं हो रहा
तो अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

निष्कर्ष – स्वस्थ जीवन की ओर पहला कदम

कोलेस्ट्रॉल कम करना कोई असंभव कार्य नहीं है। हमारे पूर्वजों का जीवन और हमारी संस्कृति में निहित ज्ञान आधुनिक विज्ञान से मेल खाता है। वजन घटाना, नशा मुक्ति, और नियमित व्यायाम – ये तीन स्तंभ न केवल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करते हैं, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। याद रखें, “स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है”। आज ही शुरुआत करें। छोटे कदम उठाएं। प्रतिदिन थोड़ा सुधार करें। संयम और नियमितता के साथ, आप निश्चित रूप से स्वस्थ हृदय और स्वस्थ जीवन पा सकते हैं।

जैसा कि कहा जाता है – “यथा पिंडे तथा ब्रह्मांडे” – जैसा हमारा शरीर है, वैसा ही हमारा संसार है। अपने शरीर को स्वस्थ रखना केवल शारीरिक कर्तव्य नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना भी है। आइए, भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा और आधुनिक विज्ञान को मिलाकर स्वस्थ भारत का निर्माण करें।

अस्वीकरण (Disclaimer): यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।

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