Vladimir Putin With Narendra Modi

भारत की R&AW लगातार देश को सुरक्षित रखने के लिए प्रयासों में लगी रहती है। यह केवल देश के बाहर एजेंट्स के जरिए ही नही बल्कि देश के अंदर होने वाली गतिविधियों पर भी अपनी पैनी नज़र रखकर ऐसी जानकारी जुटा लेती है जो साधारण आँखों के सामने होने के बाबजूद दिखाई नही देती। हाल में रूस से Vladimir Putin भारत दौरे पर आए थे। उनके इस दौरे पर सम्पूर्ण विश्व की नज़रे तो थी ही मगर इसके साथ भारत की R&AW पुतिन को ऑब्सर्वे कर रही थी।

भारत यात्रा के दौरान रूस के राष्ट्रपति Vladimir Putin के व्यवहार को लेकर भारतीय खुफिया एजेंसी Research and Analysis Wing (R&AW) ने उनके बॉडी लैंग्वेज का सूक्ष्म अध्ययन किया। यह विश्लेषण दिखाता है कि केवल बयान ही नहीं, बल्कि सांस लेने का ढंग, चलने की रफ्तार, बैठने का अंदाज़ और चेहरे के क्षणिक भाव भी अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कूटनीति में गहरे संकेत छिपाए होते हैं। पुतिन की इस यात्रा के दौरान देखे गए व्यवहारिक पैटर्न भारत‑रूस रिश्तों में भरोसे, तनाव और रणनीतिक लीवरेज को समझने में महत्वपूर्ण सुराग देते हैं।

R&AW और बॉडी लैंग्वेज की महत्वत्ता।

R&AW जैसे इंटेलिजेंस संगठन केवल नेताओं की स्पीच या आधिकारिक स्टेटमेंट नहीं देखते, बल्कि यह भी नोटिस करते हैं कि वे कैसे सांस लेते हैं, कैसे चलते हैं, आंखें कितनी बार और किस तरह ब्लिंक करते हैं, उनकी आवाज़ में कहाँ ब्रेक आते हैं, कमरे में घुसते ही सबसे पहले किस चीज़ को देखते हैं, टेबल पर बैठकर उंगलियां कितनी बार टैप करते हैं और कुर्सी पर किस posture में बैठते हैं।

इंटेलिजेंस का मूल सिद्धांत है कि “body कभी भी झूठ नहीं बोलती, झूठ केवल ज़ुबान बोलती है”। इसी वजह से पुतिन जैसे बड़े लीडर की हर छोटी‑बड़ी शारीरिक हरकत को मनोवैज्ञानिक प्रोफ़ाइल के संदर्भ में पढ़ा जाता है।

Baseline Mapping: स्वाभाविक व्यवहार की तस्वीर

सबसे पहले R&AW ने पुतिन की baseline mapping की, यानी यह देखने की कोशिश की कि उनका स्वाभाविक या नेचुरल व्यवहार कैसा है। baseline mapping का अर्थ है कि किसी व्यक्ति का सामान्य, आराम की स्थिति में, बिना अतिरिक्त तनाव या दबाव के, usual pattern में कैसा बॉडी लैंग्वेज होता है।

इस आधार पर व्लादिमीर पुतिन को ऑब्सर्वे किया गया। पुतिन की आंखों की पलक झपकने की दर, जिसे वर्षों से उनकी psychological profile में दर्ज किया गया है, इस यात्रा के दौरान लगभग वैसा ही रहा, इसमें कोई असामान्य बदलाव नहीं दिखा। कंधों का posture भी पूरे समय शांत और स्वाभाविक रहा, और उनकी चलने की गति, जिस रफ्तार और अंदाज़ से वे आमतौर पर चलते हैं वह वही रही, जिससे संकेत मिलता कि वे अपने सामान्य comfort zone में थे, न कोई घबराहट थी, न असामान्य बेचैनी।

हालांकि एक दिलचस्प बदलाव उनकी smile की duration में दिखा। सामान्यतः अगर वे किसी से मिलकर लगभग 2 सेकंड के लिए मुस्कुराते थे, तो इस यात्रा के दौरान हाथ मिलाने और interaction के समय उनकी smile थोड़ी लंबी रही। यह relatively लंबी मुस्कान दर्शाती है कि वे अधिक आरामदायक और positively engaged महसूस कर रहे थे, और यह बात भारत के लिए एक महत्वपूर्ण negotiation leverage के रूप में note की गई।

Relaxed Baseline और भारतीय मंत्रालयों के लिए संदेश

इस पूरे observation से R&AW ने निष्कर्ष निकाला कि पुतिन का baseline behaviour काफी हद तक relaxed और natural है, उसमें कोई असाधारण विचलन नहीं है। यह Assessment Ministry of External Affairs, Commerce Ministry, Petroleum Ministry और अन्य stakeholders तक तुरंत साझा किया गया। कारण साफ था, जब कोई बड़ा नेता अपने स्वाभाविक, सहज अवस्था में हो, तो यह संकेत देता है कि बातचीत के लिए अनुकूल परिस्थिति है और negotiation table पर भरोसे व openness की गुंजाइश अधिक है। इस तरह का मनोवैज्ञानिक इनपुट नीतिगत रणनीति और बातचीत की स्थिति तय करने में अहम भूमिका निभाता है।

Vladimir Putin with modi and president
Vladimir Putin in Delhi with PM Modi and President Droupadi Murmu

Stress Indicators: दबाव के बीच स्थिरता

इसके बाद R&AW ने stress indicators पर ध्यान दिया, यानी वे छोटे‑छोटे शारीरिक संकेत जो मानसिक दबाव या अंदरूनी चिंता को दिखाते हैं। साधारण भाषा में stress indicator का मतलब है जब दिमाग किसी मुश्किल या जोखिमभरी बात पर काम कर रहा हो और उसका प्रभाव शरीर की हरकतों में दिखाई दे।

इसके लिए दो प्रमुख संकेतों पर नज़र रखी गई:
Micro‑Swallowing – बार‑बार अपना saliva निगलना।
Jaw Tightening – जबड़े का कस जाना।

क्लोज्ड‑डोर मीटिंग्स में, खासकर जब defence और energy जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा हुई, तब भी पुतिन के इन संकेतों में उनके पूर्व Psychological Profile की तुलना में कोई खास विचलन नहीं दिखा। इसका अर्थ यह निकाला गया कि न defence बातचीत के दौरान और न ही oil‑gas पर चर्चा के समय उन्होंने ऐसा stress reveal किया जो उनकी किसी चिंता या डर को उजागर करे।

Power Display Indicators: Handshake, Posture और Respect

तीसरा महत्वपूर्ण पहलू था Power Display Indicators यानी किसी व्यक्ति का Power या Control दिखाने का तरीका, खासकर जब वह दूसरों के साथ Engage हो रहा हो। इसमें तीन चीज़ें खास तौर पर देखी गईं:

  • हाथ मिलाने की GRIP कितनी मज़बूत या कमजोर है।
  • हाथ मिलाने के दौरान EYE CONTACT कैसा है।
  • बैठने और खड़े होने का OVERALL POSTURE कैसा है।

जब पुतिन अलग‑अलग Rooms में मीटिंग्स के लिए प्रवेश करते थे, तो उनकी Entry Posture पूरी तरह Normal दिखाई दी। न अत्यधिक Over‑Assertive, न Defensive। हाथ की Palm Visibility भी सामान्य थी, जो Openness और Comfort की निशानी मानी जाती है।

सबसे दिलचस्प OBSERVATION तब आया जब वे भारतीय प्रधानमंत्री से Engage होते थे। बातचीत के दौरान वे हल्का‑सा आगे Lean होकर बैठते, जो एक Respectful Behavior और Attentive Listening का संकेत है। यह उनके Upbringing और Values से जुड़ा Personality Trait भी समझा गया है और इसी के साथ यह बात भी उभरी कि भारत और रूस के बीच भरोसा और Strategic Need दोनों बहुत गहराई से जुड़े हुए हैं।

Vulnerability Window: China पर छिपी चिंता।

R&AW ने चौथे पहलू के रूप में Vulnerability Window को देखा, जिसका अर्थ है वह क्षण जब कोई नेता अनजाने में अपनी चिंता, असुरक्षा या परेशानी Body Language के ज़रिए Reveal कर देता है। विशेष रूप से यह देखा गया कि जब भी चर्चा में “China” का ज़िक्र आया, पुतिन के चेहरे पर Jaw tightening यानी जबड़े का कसाव दिखाई दिया। यह जटिल लेकिन स्पष्ट संकेत था कि चीन विषय उनके लिए संवेदनशील और परेशान करने वाला है, मानो यह मुद्दा रूस के लिए एक प्रकार का सरदर्द हो।

इसके विपरीत, जब “America” की बात आई, तो इस तरह का Jaw Tightening या Visibly परेशान बॉडी लैंग्वेज नहीं दिखा। इससे निष्कर्ष निकला कि वर्तमान समय में रूस के लिए Real strategic चिंता पश्चिम या NATO से अधिक, चीन को लेकर है, भले ही वैश्विक Narrative अक्सर रूस‑अमेरिका या रूस‑NATO तनाव को ही सबसे बड़ा मुद्दा पेश करता हो।

Territory Behavior: तेल और गैस पर आत्मविश्वास।

पांचवां बड़ा संकेत Territory Behavior से जुड़ा था, यानी जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे मुद्दे पर बात कर रहा हो जहाँ उसे Clear Advantage या Leverage महसूस होता है, तो वह अपने शरीर को स्पेस में कैसे परिवर्तन करता है। क्लोज्ड‑डोर मीटिंग्स में जैसे ही OILऔर GAS trade पर चर्चा शुरू हुई, पुतिन ने कुर्सी पर बैठे‑बैठे अपनी Leg Space को और फैला लिया। यह body language अक्सर DOMINANCEऔर OWNERSHIP का संकेत देती है।

इस इशारे से यह मैसेज पढ़ा गया कि Energy Trade के मामले में पुतिन खुद को Advantageous Position में देखते हैं और यहां वे किसी भी तरह का Leverage आसानी से छोड़ने के मूड में नहीं हैं। उनके Perspective से तेल और गैस के व्यापार की ज़रूरत भारत को उनसे अधिक है, इसलिए इस क्षेत्र में वे Confident और Assertive दिखाई दिए।

समग्र आकलन: विश्वास, स्थिरता और रणनीतिक संतुलन

पूरे Observation को मिलाकर R&AW के Psychological Dossier में पुतिन की जो तस्वीर उभरती है, उसमें कोई बड़ा deviation या अचानक बदलाव नहीं दिखा। उनका overall behavior शांत, नियंत्रित और काफी हद तक अपने पुराने पैटर्न के अनुरूप रहा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस यात्रा के दौरान उनके body language में भारत के प्रति भरोसा स्पष्ट रूप से दिखा, और कहीं भी ऐसा नहीं लगा कि यह भरोसा Violate या कमजोर हो रहा है। भारत‑रूस संबंधों के संदर्भ में यह Trust, Relaxed baseline behavior, और चुनिंदा मुद्दों (जैसे China और Energy) पर उनकी सूक्ष्म प्रतिक्रियाएँ आगे की कूटनीतिक और आर्थिक रणनीति तैयार करने में भारत के लिए मूल्यवान संकेत साबित होंगे।

Also Read:

विलासिताओं में उलझता सुखी जीवन।

क्या था गंगूबाई का असली सच? जो छुपाया गया।

By Mayank Dubey

मयंक एक बहुआयामी लेखक, विचारशील कंटेंट क्रिएटर और युवा विचारक हैं एवं "मन की कलम" नामक हिंदी कविता संग्रह के प्रकाशित लेखक हैं। वे धर्म, भारतीय संस्कृति, भू-राजनीति और अध्यात्म जैसे विषयों में भी लिखते है। अपने यूट्यूब चैनल और डिजिटल माध्यमों के ज़रिए वे समय-समय पर समाज, सनातन संस्कृति और आत्मविकास से जुड़े विचार प्रस्तुत करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *