बचत के बारे में हर भारतीय व्यक्ति ने कभी ना कभी अपने बड़े बुजुर्गों से सुना होता है। घर के बुजुर्ग बचत के बारे में हमेशा अच्छी सीख देते है। भारत में अधिकतर लोग आमदनी तो कमा लेते हैं लेकिन समस्या यह रहती है कि वह बचत नहीं कर पाते। फिर वह सोचते है कि बचत कैसे करें।
इसका कारण है कि उनके अंदर वित्तीय अनुशासन की कमी होती है और पैसों को सही दिशा में लगाने की जानकारी का अभाव रहता है।
बचत से न केवल आपका वर्तमान सुधरता है बल्कि आपके खर्चों पर नियंत्रण होता है और भविष्य की सुरक्षा होती है।
पुराने समय संसाधनों की कमी थी इसलिए बड़ा महत्वपूर्ण होता था की खाद पदार्थ से लेकर धन तक की बचत की जाए ताकि जरूरत के समय कोई परेशानी ना हो
और यही आदत हर भारतीयों को अपने पूर्वजों से प्राप्त हुई और यह अच्छी भी है क्योंकि हमें मालूम नहीं होता कि समय कब बिगड़ जाए और ऐसी खराब परिस्थितियों आ जाए जहां संसाधनों की कमी के कारण हमें परेशानियां झेलने पड़े।
कोरोनावायरस के कारण हुए लॉकडाउन में जब एक लंबे समय के लिए बाजार बंद हो गए थे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। जिन लोगो की दुकानें और कारोबार बंद थे, जिनकी नौकरियां चली गयी थी उनका दर्द सिर्फ वही लोग जानते है।
जिन लोगों ने बचत करके रखी थी उनका वह खराब समय फिर भी थोड़ा ठीक से निकल गया बजाय उन लोगों के जिनके पास कोई बजट नहीं था न ही कोई बचत थी।
बचत वह तरीका है जिससे धन पर नियंत्रण होता है, संपत्ति बनाने में आसानी होती है और बचत के पैसों के कारण एक सुरक्षा महसूस होती है।
बचत क्या है, बचत कैसे करें और यह क्यों जरूरी है।
आप जो पैसा कमाते हैं उसे जरूरत के लिए इस्तेमाल करते हैं। बचत का अर्थ यह है कि अपने कमाए हुए पैसे को इस तरीके से उपयोग करना कि उसमें से कुछ हिस्सा बच जाए और भविष्य के लिए काम आये।
यह एक आदत है जो जीवन को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है। बिना बचत के जीवन ऐसे ही है कि एक बिना ब्रेक वाली गाड़ी में चलना।
आप नहीं जानते कि अचानक आपको अगर रुकना पड़ जाए तो क्या होगा।
1. आर्थिक सुरक्षा के लिए बचत की भूमिका
अगर आपके पास बचत के पैसे रहेंगे तो जो इमरजेंसी (आपातकाल) की स्थिति होती है। खासकर मेडिकल या परिवार में किसी सदस्य को अचानक पैसो की जरूरत पड़ना या नौकरी चले जाने की स्थिति, इन सबसे एक अच्छी बचत आपको रक्षक के रूप में बचाती है।
2. मानसिक शांति
जब आप बचत कर पैसे बचाते हैं तो आपको जीवन मे सुरक्षा का अनुभव होता है क्योंकि पैसा इस जगत में आपको ताकत प्रदान करता है। इससे मन भी शांत रहता है और जो व्यक्ति ताकतवर होता है वह अपने आप सुरक्षित हो जाता है
3. भविष्य की योजनाओं में मदद
हर व्यक्ति की भविष्य के लिए योजना होती है। जैसे घर बनाना, बच्चों की अच्छे से पढ़ाई, एक समय बाद रिटायरमेंट लेना। इन सबके लिए यह बेहद जरूरी है कि आप शुरू से बचत करें ताकि जरूरत की इन घड़ी में आप उस बचत के पैसे को सही तरीके से उपयोग कर पाए।
पैसे बचाने के 7 आसान तरीके।
1. बजट बनाना सीखे
अगर आप बचत करना चाहते हैं तो आपको बजट बनाना सीखना होगा। बजट का मतलब ही होता है कि पहले से ही एक चीज के लिए एक रकम को तय कर देना।
इसका मतलब है कि हर महीने आप कितना खर्च कर सकते हैं। जब आप हर महीने का बजट बनाकर काम करेंगे तो चीज आपके नियंत्रण में होगी और आप अच्छे से मैनेज कर पाएंगे। बजट बनाने के लिए आप MS Excel, Google Sheets या एक नोटबुक पर आपकी आय और व्याय की जानकारी लिस्टिंग के रूप में कर सकते हैं।
इससे आपको महीने के अंत में पता चल जाएगा कि आपने इस महीने में कितना फिजूल खर्च किया और कौन सी ऐसी चीज है जिसपर आप अपनी जमा पूंजी को खत्म कर रहे हैं।
2. बेमतलब की खरीदी को बंद करना।
उपभोक्तावाद के बढ़ने के बाद भारतीयों में यह समस्या तेज़ी से देखी जा रही है कि वह बहुत जोरों शोरों से खरीद कर लेते हैं। वह उन चीजों की भी खरीदी कर लेते हैं जिनकी उन्हें जरूरत नहीं होती। इसी विषय को Scarcity Syndrome कहा जाता है।
उदाहरण के लिए किसी मॉल या डिपार्टमेंटल स्टोर में जिस तरीके से ऑफर को पेश किया जाता है जिसमें व्यक्ति को ऐसा लगता है कि मानो आज यह चीज नहीं ली तो जीवन में इस दाम पर यह वस्तु कभी कहीं और मिल ही नहीं पाएगी।
इस वजह से व्यक्ति जिस चीज की जरूरत नहीं भी है उसे भी खरीद लेता है या उन उपयोग वाली चीजों को भी जरूरत से ज्यादा मात्रा में खरीद लेता है।
अगर आप बचत करना चाहते हैं तो आपको इन चीजों को रोकना होगा। यह बिल्कुल जरूरी नही है कि आप किसी भी चीज़ को जरूरत से ज़्यादा मात्रा में खरीद ले जिसकी आपको जरूरत न हो। वो भी सिर्फ इसलिए कि वो कुछ पैसे कम मिल रही हो।
3. ऑनलाइन ऑफर और डिस्काउंट का सही उपयोग करें
आज के समय हर व्यक्ति ऑनलाइन खरीदी करता है। अलग-अलग माध्यम का उपयोग करता है। UPI के ही बहुत सारे Apps है। जब आप इतनी चीजों का इस्तेमाल कर ही रहे हैं तो ध्यान दीजिए कि वह कौन से ऐप्स है जहाँ से खरीदी करने पर आपके पैसे बचते हैं।
ध्यान रहे कि वो एप्प सुरक्षित हो। अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो उसे भी समझदारी से उपयोग करे। लेकिन एक जरूरी बात जिसका आपको ध्यान रखना चाहिए कि डिस्काउंट सिर्फ तभी फायदेमंद है जब वह वस्तु आपकी जरूरत की हो।
अगर वस्तु आपकी जरूरत की नहीं है और आप बस उसे ऑफर के कारण ले रहे है तो आपको फ़ायदे की जगह उल्टा नुकसान हो जाएगा।
4. EMI और क्रेडिट कार्ड के खर्चों को कंट्रोल करें।
लोग अक्सर जल्दी-जल्दी में किसी भी चीज को लेते समय यह बात का ध्यान नही रखते ही कि जो वस्तु वह ले रहे हैं क्या उसका पैसा उनकी जेब में है?
आज के समय आपको बड़ी आसानी से फाइनेंस की सुविधा प्राप्त हो जाएगी। यह फाइनेंस कंपनियां बहुत आसानी से आपको लोन देती और फिर लगातार आपसे ब्याज लेती चली जाती है।
अगर आप गलत EMI में फंसे तो आपकी आमदनी का एक बड़ा हिस्सा कर्ज में ही चला जाएगा और आपको समझ नहीं आएगा कि आपका पैसा कहां जा रहा है। किसी भी तरह की उधारी और EMI से बचने का प्रयास करें।
5. घर के फालतू खर्च को पहचान कर, उसे बंद करना।
आज के समय एक मध्यवर्गीय परिवार के अंदर वह सारी सुविधाएं होती है जो पहले के समय में नहीं हुआ करती थी। जब व्यक्ति की मूल जरूरते पूरी हो जाती है तो इसके बाद व्यक्ति ऐसे खर्चे शुरू कर देता हैं जो हम पर बोझ हो जाते हैं।
उदहारण के लिए Netflix एवं अन्य कई सारे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के सब्सक्रिप्शन लोग इस वजह से ले लेते है कि कोई शो उनसे छूट न जाये। मगर कई लोगों के पास तो इन्हें देखने का समय भी नहीं होता।
यह ऑटो पे में डले रहते हैं और हर महीने उनकी सब्सक्रिप्शन अपने आप रिन्यू हो जाती है। इसके साथ ही कई बार घर के राशन और किराने में ऐसी चीज आती हैं जो सेहत के लिए अच्छी नही होती पर हम लगातार उनका उपयोग करते रहते हैं तो ऐसी चीजों को पहचाने और फिजूल खर्ची को कम करें।
6. साप्ताहिक खर्च का रिव्यू करें।
हर रविवार को 15 मिनट निकाले और देखें कि इस हफ्ते अपने कहां-कहां किस-किस चीज में खर्च किया है।
हफ्ते के खर्चों को अगर आप ट्रैक करना शुरू करेंगे तो आपको पता चलेगा कि आप किन चीजों पर बेवजह खर्च कर रहे हैं और आप उन्हें अच्छे से रोक पाएंगे।
इससे आपके आय व्यय का व्योरा व्यवस्थित रहेगा। आपको अपने खर्चों की और अच्छे से जानकारी भी लगेगी।
7. बचत के लिए अलग सेविंग अकाउंट बनाएं।
देखिए अगर आप एक अकाउंट रखते हैं तो उसमें यह बड़ा मुश्किल हो जाता है कि एक ही अकाउंट से आप सारे खर्च करें और उस अकाउंट में आप बचत कर पाए।
इसलिए बड़ा महत्वपूर्ण है कि हर महीने एक निश्चित राशि आप अपने सेविंग अकाउंट में डालें जब भी राशि थोड़ी इकट्टी हो जाए, उसके बाद आप विचार कर सकते हैं कि इस राशि का कहां उपयोग करना है।
खर्चों के बाद जो पैसा बचता है उसे एक अलग अकाउंट में डालेंगे तो एक निश्चित राशि आपके पास सेविंग के लिए खट्टी होती रहेगी।
तो इस तरीके से आपके पास दो अकाउंट हो जाएंगे एक अकाउंट जिससे आपने घर खर्च को संभाले और दूसरा अकाउंट होगा जो आपकी पूरी तरीके से सेविंग के लिए ही होगा।
नियम बना लीजिए कि इस अकाउंट में सिर्फ आप पैसे डालेंगे और जोड़ेंगे। इस अकाउंट में आप अपने इमरजेंसी फंड पर रख सकते हैं।
निष्कर्ष
बचत करना एक कला है। यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है। इसलिए बचत की इस कला को हर इंसान को सीखना चाहिए। भले ही व्यक्ति की आमदनी ज्यादा हो या कम हमेशा थोड़ी-थोड़ी बजट करें। इससे भी बहुत बड़ा फर्क पड़ता है आज से शुरुआत करें और अपने कल के भविष्य को सुरक्षित बनाएं।
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