आमिर की इन माँ का अपने बावर्ची के साथ अचानक से अफेयर शुरू होने के बाद आमिर की माँ प्रीतो बावर्ची के साथ संबंध में आ गई थी।
आमिर खान ने जब इन दोनों को रंगे हाथ पकड़ा उसके बाद इस बात का खुलासा हुआ। आमिर की मां और बावर्ची एक लंबे समय से प्रेम संबंध में रह रहे थे।
आमिर खान इस बात को लेकर बड़े दुखी और गुस्सा थे मगर लोगों की समझाइश के बाद उन्होंने अपनी माँ की शादी बावर्ची ‘दौलत’ के साथ करवा दी है।
अब आप सोच रहे होंगे की जो अमीर खान अनेकों हिंदू लड़कियों को अपनी पत्नी बनाते हैं, उनकी मां ने ऐसे शौक कब से पाल लिए तो आपको बता दे कि यह कोई bollywood gossips का किस्सा नहीं है, न ही उनकी असली माँ की बात हो रही है बल्कि यह उनकी फिल्म “सितारे जमीन पर” में मां का किरदार निभाने वाली की कहानी है।
क्या है सितारे जमीन पर की कहानी
सितारे जमीन पर आमिर खान की हाल में रिलीज हुई पिक्चर है। यह कहानी एक कोच की है जो विकलांग बच्चों को बास्केटबॉल सिखाने का प्रयास करता है।
यह फिल्म हॉलीवुड की फिल्म “चैंपियंस” का सीन बाय सीन रीमेक है मगर आमिर खान और इस फिल्म के फिल्म मेकर्स ने फिल्म में कुछ ओरिजिनल सीन या सब प्लॉट डालने के नाम पर जो चीज दिखाई है वह कई सवाल खड़े करती है।
क्या होता है आमिर की मां के साथ
फिल्म के एक दृश्य में आमिर खान अपनी माँ प्रीतो और अपने बावर्ची दौलत को साथ में पकड़ लेते हैं। उसके बाद आमिर खान को पता चलता है कि उनकी मां और दौलत के बीच प्रेम संबंध है।
फिल्म के अंदर आमिर की माँ प्रीतो को बड़ा हंसमुख, मिलनसार महिला के रूप में दिखाया गया है।
रंगे हाथ पकड़े जाने के बावजूद भी मां का किरदार निभाने वाली प्रीतो को इस बात पर जरा भी शर्म नहीं आती कि उसके जवान बेटे के होने के बावजूद 65 साल की उम्र में उसका अफेयर बावर्ची के साथ था।
इस तरह की चीज दिखाना फिल्म के लेखक और निर्देशों की गंदी मानसिकता के ऊपर सवाल खड़े करता है। जहां पर एक हंसमुख मिलनसार महिला का चरित्र इस तरीके से दिखाया गया है।
ओरिजिनल “चैंपियंस” फिल्म में यह सीन नहीं था।
“Sitare Jameen Par” पूरी तरीके से हॉलीवुड की “Champions” की रिमेक है मगर उस फिल्म में ऐसा कोई सीन या सब प्लॉट नहीं है जहां पर एक जवान बेटे की 65 साल की मां का किसी गैर मर्द के साथ अफेयर होता है। अब सवाल उठता है कि अगर यह फिल्म पूरी तरीके से चैंपियन फिल्म का रीमेक थी तो इस तरह की अभद्र कहानी डालने की क्या जरूरत थी?
एक ऐसी फिल्म जिसमें मानसिक रूप से अपंग बच्चों की कहानी को दर्शाया जा रहा है उस फिल्म में आमिर खान की मां का अफेयर बताने का क्या तात्पर्य था?
एंटरटेनमेंट से सब्वर्जन की है कोशिश
ऐसी चीज दिखा कर भारत की जनता को सब वर्जन कर उनकी मानसिकता बदलने का प्रयास किया जा रहा है। फिल्में हमेशा से ही भारतीयों की मानसिकता, रहन-सहन, उनके सोचने के तरीके पर असर डालती आई हैम
इस तरह का सीन दिखाकर यह सिद्ध करने की कोशिश की जा रही है कि अगर एक 65 साल की औरत किसी गैर मर्द के साथ संबंध बना लेती है तो उसमें कुछ बुरा नहीं है यह उसकी चॉइस है उसका हक है।
बड़ी साजिश से एक ऐसी कहानी के ऊपर फिल्म बनाई जाती है जो सामाजिक मुद्दा हो और उसके अंदर एक छोटी कहानी के रूप में एक चीज डाल दी जाती है जो समाज को बिगड़ने का काम करती है।
चार आश्रमों में बटा हुआ था व्यक्ति का जीवन।
सनातन धर्म के अंदर देखा जाए तो जीवन की जीने की एक शैली को विस्तार में बताया गया है और इसी तरीके से जीवन को चार आश्रमों में बांटा गया है।
जिसमें बूढ़े होने के बाद व्यक्ति को सन्यासी के रूप में जीकर ईश्वर का ध्यान करना चाहिए क्योंकि यह उम्र का वो पड़ाव होता है जहां पर शरीर मृत्यु के करीब पहुंच जाता है।
इसलिए यह बोला जाता है कि बुढ़ापे में आपको अपने शरीर से थोड़ी दूरी रखकर सारी चीजों के लिए तैयार रहना चाहिए और शरीर का मोह त्याग देना चाहिए।
अब अगर कोई व्यक्ति 65 की उम्र में विवाह करेगा, किसी के साथ संबंध बनाएगा तो इसका क्या मतलब है। यह सीधे तौर पर भारत की मूल सांस्कृतिक पहचान, यहां की जीवन शैली और भारत के मूल्यों के ऊपर हमला है।
हर व्यक्ति के जीवन में धर्म होना चाहिए क्योंकि धर्म का मार्ग सिखाता है कि हमें किस तरीके से जीवन को जीना है। नहीं तो पशुओं की भांति हमारा जीवन हो जाएगा।
वैसे भी मनुष्य विवाह इसलिए करता है ताकि वह अपनी गृहस्थी बसा सके। जिस उम्र में आदमी के जीवन का भरोसा नहीं होता कि कब उसकी मृत्यु हो जाए उस समय विवाह की ऐसी कहानी बताना साफ दिखता है कि बॉलीवुड के अंदर ऐसे बहुत ही कम लोग बचे हैं जो अपनी संस्कृति की परवाह करते है।
बदल रहे हैं आमिर खान के बोल
पिछले कुछ दिनों से आमिर खान के बोल कुछ बदले बदले से नजर आते हैं। एक वक्त हुआ करता था जब आमिर खान और बॉलीवुड के कभी अभिनेता इस बात को दोहराने से थकते नहीं थे कि भारत का माहौल बिगड़ रहा है और अब उन्हें भारत में डर लगता है।
बात 2015 की है जब एक कार्यक्रम में आमिर खान ने कह दिया था कि मेरी पत्नी हमारे बच्चो के लिए डरती है।
जिस तरह का माहौल भारत का हो रहा है हमें भारत छोड़ कहीं और चले जाना चाहिए।
हालांकि आमिर खान वह शख्सियत है जो लगातार हिंदुओं के टारगेट में रहते हैं। आमिर खान हर पिक्चर में कुछ ऐसा कर देते हैं जिस वजह से हिंदुओं की आस्था को बड़ी ठेस पहुंचती है।
क्या आमिर हिंदू विरोधी फिल्म बनाते हैं
आमिर खान की चर्चा इसलिए भी बहुत होती है कि उनकी कई फिल्मों में हिंदू विरोधी गतिविधियों को, हिंदू देवताओं के मजाक बनाते हुए दिखाया जाता है।
मगर कुछ लोग का मानना है कि उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचती है।
अब जो लोग ऐसा मानते हैं कि यह सिर्फ एक पिक्चर है और पिक्चर को पिक्चर जैसे ही देखना चाहिए उसे दिल से नहीं लगाना चाहिए तो उन लोगो को इस पर विचार करना चाहिए कि क्यों अक्सर हिंदू देवी-देवताओं का ही मजाक बनाया जाता है बाकि धर्मो का नही।
PK फिल्म में दिखा था पाकिस्तानी प्रेम
आमिर खान की फिल्म पीके में न सिर्फ भगवान शिव को टॉयलेट में फंसा हुआ दिखाया गया था बल्कि एक ऐसा दृश्य भी था जहां पर एक पत्थर को आमिर खान अपने झूठे पान से रंग देता है, उसकी पूजा करना शुरू कर देता है फिर लोग उस पत्थर को ईश्वर मान लेते हैं।
यह देवी देवताओं का और उस प्राण प्रतिष्ठा की पूरी प्रक्रिया का अपमान था जिसके बाद पत्थर में ईश्वर को देखा जाने लगता है।
हालांकि इसी फिल्म में आमिर खान और इस फिल्म के निर्देशकों का पाकिस्तान प्रेम भी उभर के दिखा था जहां एक तरफ फिल्म साधु-संतों को ढोंगी दिखाती है, ईश्वर का मजाक उड़ाती है, वहीं दूसरी ओर इस फिल्म के अंदर बड़े अच्छे से एक पाकिस्तानी लड़के को बेचारा, सच्चा प्रेमी और एक संत की नफ़रत का शिकार दिखा देती है।
फिल्म के क्लाइमेक्स में यह चीज साफ दिखाई देती है
कम पिक्चर करते हैं आमिर।
वैसे तो आमिर खान कम पिक्चर ही बनाते हैं मगर जितनी फिल्म वह मानते हैं उनका आइडिया थोड़ा हटके होता हैं। पिछले कुछ वर्षों से आमिर खान की फिल्में बॉक्स ऑफिस में पिटती हुई नजर आ रही है। ऊपर से तुर्की के साथ उनके संबंधों को लेकर भी उनकी छवि पर बड़ा दाग लगा हुआ है।
आमिर खान अपनी सफाई देते हुए लगातार इस बात का खंडन कर रहे हैं कि वह देश प्रेमी है और भारत के विरोध कुछ सोच नहीं सकते। कई हिन्दू लड़कियों से शादी करने वाले आमिर खान हाल के दिनों में इंटरव्यूज और पॉडकास्ट के जरिए अपनी बात जनता तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
आमिर की आगामी फिल्में
कुछ रिपोर्टर्स के मुताबिक आमिर खान आने वाले समय में “महाभारत” के ऊपर फिल्म बना सकते हैं इसीलिए यह दावा किया जा रहा है कि वह लगातार हिंदुओं के पक्ष की बातें कर रहे हैं और अपनी खराब छवि को अलग-अलग माध्यम से सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
हाल के कुछ सालों में देखा गया है कि जो बॉलीवुड हमेशा से हिंदू विरोधी पिक्चर बनाता था वह लगातार हिंदू पौराणिक कथाओं पर फिल्में बनाकर पैसे छाप रहा है।
बॉलीवुड की यह कोशिश है कि हिंदू जनता इनकी फिल्मों को ज्यादा से ज्यादा देखें और ज्यादा से ज्यादा यह लोग पैसे कमा सके।
इसी प्रयास में लगातार वह लोग भी ऐसी हिंदू पक्ष की फिल्मे बना रहे हैं जो कभी सीधे तौर पर हिंदू धर्म के खिलाफ बयान बाजी करते थे।
इनके लिए पैसा सर्वोपरि है। जब उन्हें समझ में आया कि हिंदू इनके प्रोपेगेंडा वाली और हिंदू विरोधी फिल्में नहीं देखेंगे तो इन्होंने हिंदुओं के पक्ष की फिल्म बनाना शुरू कर दिया।
सोचिए, समझिए और गंभीरता से इस पर विचार कीजिए।